Thursday, February 12, 2009

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मेरी प्यारी अध्यापिका

प्रेषक : हॉट गॉय

हेल्लो दोस्तों,

मैं पिछले कई दिनों से अन्तर्वासना में कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ। मुझे बहुत सी कहानियाँ अच्छी लगती हैं कुछ तो मुझे ठीक भी नहीं लगती हैं।

ये सब छोड़ो हम आते हैं अपनी बात पर !

आज मैंने भी सोचा कि क्यूँ न मैं भी एक कहानी लिखकर भेजूँ...मतलब अपना अनुभव...

इसीलिए दोस्तों मैं पहली बार अपनी ओर से कहानी भेज रहा हूँ उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी !

सबसे पहले मैं अपने बारे में बता दूँ, मैं २३ साल का हट्टा कट्टा लौंडा हूँ कद ५'७" है और दिखने न ही सलमान खान हूँ और न ही नाना पाटेकर मतलब आप लोग समझ ही गए होंगे कि मैं एक सामान्य सा दिखने वाला लड़का हूँ।

चलो हम कहानी पर आते हैं_

बात उन दिनों की है जब मैं होस्टल में पढ़ता था। हमारा स्कूल लड़के लड़कियों का था, सभी लोग होस्टल में रहते थे। जब मैं दसवीं कक्षा में प्रवेश किया तब हमें काम से बाहर जाना पड़ा मतलब दूसरे स्कूल में। वहां भी ऐसा ही सिस्टम था।

वहां एक हिन्दी की मैडम थी, बहुत ही सेक्सी थी। उसे मैं जब भी देखता था तो बस ऐसा लगता था कि बस ये मिल जाए ...तो जिंदगी सँवर जाए... एक दिन लंच के बाद मैं मैडम के घर गया क्योंकि मुझे उनसे कुछ पूछना था।

मैंने दरवाजा खटखटाया लेकिन अन्दर से कोई जवाब नहीं मिला और दरवाजा खुला था तो मैं अन्दर चला गया उस समय वो नहा रही थी। मैंने कहा की मैडम मुझे कुछ पूछना है तो उसने कहा कि बैठो मैं अभी आती हूँ।

फ़िर मैं बैठ गया वो अन्दर आई और कहा- हाँ अब बोलो !

मैंने कहा कि मैडम मुझे कुछ समझ आ नहीं रहा है क्या आप मेरी मदद करेगी?

वो उस समय तौलिये में ही थी ..बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

फ़िर उन्होंने कहा- चाय पियोगे?

मैंने कहा- ठीक है !

हम लोग हमारी बात करने लगे मैंने कहा- मैम आपकी शादी हो गई क्या?

उन्होंने कहा- हाँ शादी हुए २ साल हो गए हैं।

मैंने कहा- फ़िर आप अकेली तो उन्होंने कहा कि मेरे पति मैं पसंद नहीं हूँ क्योंकि मैं उनको बच्चा नहीं दे सकती ना और वो रोने लगी।

मैंने कहा- नहीं मैडम आप तो इतनी सुंदर है बिल्कुल परी जैसी आप से तो कोई भी शादी कर सकता है .....

फ़िर उसने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है सभी को बच्चे की चाहत रहती है ...और वो और ज्यादा रोने लगी मैंने उन्हें बाहों में ले लिया और पीठ सहलाने लगा ....फ़िर धीरे वो भी गर्म होने लगी उनको छूते ही मेरा सामान एक्शन में आ गया। बस फ़िर क्या था मैंने उनके गले में किस करना शुरू कर दिया इस पर उन्होंने कहा कि क्या कर रहे हो?

फ़िर मैंने कहा कि कुछ मत कहो बस करने दो, बहुत दिनों से तुम्हारे बारे में सोचता रहता हूँ .....

वो भी बोली कि हाँ मैंने तुम्हें क्लास में भी देखा था ...तो उसने कहा कि फ़िर देर क्यूँ कर रहे हो, मेरी प्यास को बुझा दो..

मैंने उसका तौलिया निकाल दिया। अन्दर का सीन देखकर तो मैं दंग रह गया क्योंकि अन्दर वो एकदम दूध जैसी सफ़ेद थी फ़िर मैं उसके बूब्स को दबाने लगा ...वो सिसकियाँ लेने लगी और बोली और चूसो ...आह्ह...आह्ह्ह....उम्म्म....काटो उसको काटो बहुत मजा आ रहा है ......तुम कितने अच्छ्हे हो मुझे पहले पता होता तो मैं रोज़ तुम्हे बुला लेती ..

मैंने कहा कि मैं ख़ुद ही आ जाता नाह्ह्ह जानाह्ह्ह्न्न ....उम्.....आह्ह्ह्ह....आह्ह्ह्ह .....

फ़िर उसने मेरे लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी ......

आज इतना ही ..बाकि आपके उत्तर के बाद और हाँ एक बात और उसने मुझे ३००० भी दिए और बोली कि तुमने मुझे बहुत किया ये रख लो वैसे ये भी कम है जितना मुझे मिला है उसके मुकाबले .......और उसके बाद से मैं ऐसे ही नाखुश को खुश करने लगा ........सब बताऊंगा लेकिन जवाब के बाद....

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